मंगलवार, 28 जून 2016

जवानी की शुरुआत या जवानी के दौरान लड़कियां हो जाएं सावधान

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लड़कियां कैसे सुलझाएं तरुणायी में उभर कर आ रही अपनी समस्याओं कोः डॉ. अभिनिवेश चटर्जी


भारतमित्र से बातचीत के दौरान कोलंबिया एशिया अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिनिवेश चटर्जी ने जवानी में कदम रख रहीं लड़कियों के बारे में कई बातें बताईं। उन्होंने उनके जीवन में हो रही पहली बार समस्याओं और उनके समाधान के बारे में विस्तार से बातचीत की। किन समस्याओं पर उन्हें ज्यादा नहीं घबराने की बात तथा साथ ही कौन सी समस्या पर अपने माता-पिता या अभिभावक की मदद लेने की बात पर डॉक्टर अभिनिवेश ने विस्तार से चर्चा की। पेश हैं इस बातचीत का सारांशः 

किसी लड़की में जवानी का आगाज कब होता है?

- जवानी 8 से 13 वर्ष के बीच शुरू होती है। जवानी तब शुरू होती है जब आपका मस्तिष्क या दिमाग शरीर के कुछ हिस्सों को विकसित होने के साथ-साथ बदलाव का भी संकेत भेजता है। इन संकेतों को हार्मोन कहा जाता है। हार्मोन वह रसायन है जो शारीरिक क्रियाओं को नियंत्रित करता है।

जवानी के दौरान क्या परिवर्तन होते हैं?

- जवानी की शुरुआत में या जवानी के दौरान, हार्मोन के कारण निम्न परिवर्तन होते हैं:-* आपकी लंबाई बढ़ने की शुरुआत और साथ ही साथ वजन भी  * आपके कमर की चौड़ाई का बढ़ना। * आपके स्तनों का बढ़ना। * आपके कांख और योनी के आसपास बाल आने की शुरुआत। * आपके शरीर की गंध में परिवर्तन। * मुहाँसे होने के साथ ही चेहरे पर बर्रे का होना। * इस दौरान आपको पहली बार मासिक धर्म होना। 

स्तन में परिवर्तन कैसे होता है?

- जब आपके स्तन में बदलाव शुरु होता है, तो आपके निपल्स के चारों ओर काले या भूरे क्षेत्र (रीशेश्ररी) में सूजन आ सकता है। स्तनों की गोलाईयां बढ़ती हैं और साथ ही भरा-भरा सा अर्थात् मांसल हो जाते हैं। इस दौरान एक स्तन आपके दूसरे स्तन की तुलना में थोड़ा बड़ा लग सकता है। कभी-कभी आपको दर्द महसूस हो सकता है मगर यह सब बातें सामान्य हैं।

मासिक धर्म क्या है?

- जवानी की शुरुआत होते ही हर महीने आपका शरीर अपने-आपको को एक संभावित गर्भावस्था के लिए तैयार करता है। हार्मोन गर्भाशय को हर महीने एक अंडे को छोड़ने का संकेत देता है। अंडे फैलोपियन ट्यूब में से एक में चले जाते हैं। इसी समय, गर्भाशय का स्तर बढ़ने के साथ और अधिक मोटा होना शुरू हो जाता है। अगर वह अंडा किसी पुरुष के शुक्राणु से निषेचित नहीं होता है, तो गर्भावस्था उत्पन्न नहीं होती है। अस्तर टूट जाती है और योनि के माध्यम से शरीर से बाहर बहती हुई निकल जाती है। इसे ही हम मासिक धर्म कहते हैं।

मासिक धर्म कब शुरू होता है?

संयुक्त राज्य अमेरिका में अधिकांश लड़कियों को 12 से 14 साल की उम्र के बीच शुरू होता है, लेकिन कुछ को पहले भी शुरू हो जाता है।

मासिक धर्म कितने दिनों तक रहता है?

- पीरियड्स अर्थात् मासिक धर्म आमतौर पर 2 से 7 दिनों तक रहता है। सामान्य रूप से यह हर 21 से लेकर 45 दिन के बीच आते हैं। शुरु-शुरु में यह नियमित रूप से नहीं आता है। यहां तक कि किसी महीने में आपको होगा ही नहीं। यह भी हो सकता है कि आपको किसी महीने दो बार माहवारी हो जाय। यह सब सामान्य बात हैं जिससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं। माहवारी शुरु होने के बाद से नियमित माहवारी समय से आने में आपको छह साल भी लग सकते हैं। यह भी ध्यान रखें कि यदि आप किसी से शारीरिक संबंध स्थापित करती हैं और उस दौरान आपका यदि माहवारी समय से नहीं हो रहा है तो हो सकता है कि आप गर्भवती हो गयीं हों।

मासिक धर्म की अवधि के लिए हमें कैसे तैयार रहना चाहिए?

- अगर पीरियड आपका शुरु न भी हुआ हो तो भी अपने साथ पैड या टैम्पोन लिये रहें।

पैड और टैम्पोन कैसे काम करते हैं?

पैड आपके अंडरवियर के अंदर पहनने के लिये दिये जाते हैं। ये आपके माहवारी के दौरान निकलनेवाले रक्त को सोख लेते हैं। टैम्पोन को योनि में डाला जाता है जो रक्त को बाहर आने से पहले ही सोख लेता है।

अपने पैड या टैम्पोन कितनी बार बदलनी चाहिए?

- आप अपने पैड या टैम्पोन कम से कम हर 4 से 8 घंटे में बदलें। पीरियड के पहले दिन आपको हो सकता है कि कई बार बदलने की जरूरत पड़े क्योंकि इस समय बहाव कुछ ज्यादा ही रहता है।

मासिक धर्म के दौरान क्या दिक्कतें हो सकती हैं?

- कुछ लड़कियों के निचले शरीर में कड़ापन आ जाता है साथ ही दर्द भी होता है और पीठ में भी दर्द होता है तो कुछ को सिर दर्द हो या चक्कर आते हैं। तो कुछ को लूज-मोशन अर्थात् दस्त होना शुरु हो जाता है।

शरीर में ऐंठन आने से उसे हम कैसे कम कर सकते हैं?

- ऐंठन में मुक्ति पाने के लिये आप निम्न कोशिश कर सकती हैं:-* यदि आपको एस्पिरिन कारक दवाइयों से एलर्जी नहीं है या फिर आपको गंभीर अस्थमा नहीं है तो आप आइबुप्रोफेन या नेपरोक्सन सोडियम ले सकती हैं। * व्यायाम कर सकती हैं। * अपने पेट और पीठ दोनों ओर आवश्यकतानुसार गर्म पानी के पैड से सेंके। 

माहवारी की कौन सी समस्या में हमें डॉक्टर को दिखाना चाहिए?

- निम्नलिखित में से माहवारी के दौरान अगर आपको कोई भी समस्या होती है तो अपने मां-बाप या अभिभावक को बताएं या डॉक्टर को दिखाएंः-* आप 15 साल की हो गयी हैं मगर आपको पीरियड्स नहीं आ रही हैं। * आपको मासिक धर्म हर महीने समय पर हो जाते थे मगर उसके बाद यह अनियमित हो जाता है। * आपको अक्सर 21 दिन के बाद या फिर 45 दिन के पहले पीरियड्स होते हैं तब। * आपको 90 दिनों में पीरियड्स होते हैं भले ही यह एक बार ही क्यों न हुआ हो। * आपका मासिक धर्म 7 दिनों से ज्यादा रहता है। * आपको पीरियड्स के दौरान इतना ज्यादा बहाव है कि आपको इसके लिये प्रति 1 या दो घंटे में पैड या टैम्पोन बदलना पड़ता है। * आपके शरीर में कुछ इस प्रकार से ऐंठन है कि आपको अपने दैनिक कार्य करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ऊपर से दर्द-निवारक दवाइयां खाने के बावजूद भी ठीक नहीं हो रहा है।

हमें किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ को कब से दिखाना शुरू करना चाहिए?

एक स्त्री रोग विशेषज्ञ वह चिकित्सक है जो महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल करने में माहिर होते हैं। लड़कियों को 13 साल से 15 साल की उम्र के बीच किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से दिखा लेनी चाहिए। पहली बार जब आप किसी विशेषज्ञ को दिखाने जाएंगी तो उन्हें पता चलेगा कि यह भेंट ज्यादातर सिर्फ बातों तक ही सीमित रह जाती है। इस भेंट के दौरान आपको यह सलाह दी जाती है कि आप किस प्रकार से स्वस्थ रह सकती हैं। आप उक्त चिकित्सक से अपने शरीर, शारीरिक विकास सह बदलाव और सेक्स के बारे में सवाल पूछ सकती हैं।

मुँहासे क्या है?

मुँहासे त्वचा में अति ग्रंथियों के कारण होते हैं। ये एक प्राकृतिक तेल सिबम का निर्माण करते हैं। जवानी के दौरान, जब इन ग्रंथियों से अतिरिक्त सिबम का निर्माण होने लगता है तो यह आपकी त्वचा में स्थित छोटे-छोटे छिद्रों को बंद कर दे सकते हैं।

अगर मुँहासे हो जाएं तो हमें क्या करना चाहिए?

पानी और हल्के क्लीनज़र के साथ अक्सर अपना चेहरा धोते रहें जिससे मुहांसों से आपको छुटकारा मिल सकता है। इससे आपको बर्रों या पिंपल और मुँहासों से जल्दी छुटकारा मिलता है। ऐसे उत्पादों के प्रयोग से बचें जिससे आपकी त्वचा में सूखापन आ जाय तथा खुरदरा हो जाय। ऐसी स्थिति में आपको चेहरे को ज्यादा रगड़ना नहीं चाहिए तथा साथ ही पिंपलों को खुजलाना भी नहीं चाहिए। आप मुँहासे के बारे में चिंता करती हैं, तो कुछ दवाएं खा सकती हैं। अपनी समस्या ज्यादा महसुस हो तो अपने डॉक्टर से बात अवश्य करें।